तस्मानिया का टाइगर
ड्रीम टाइम (स्वप्न काल की) बात है कि एक छोटा बच्चा था, जिसका नाम पलाना था। वह महान देवता मोइनी का बेटा था, देवता मोइनी सितारों के बीच रहते हैं। हमेशा की तरह एक दिन छोटा बच्चा पलाना ख़तरनाक जंगल में घूमने निकला।
उसे जंगल में जंगली जानवर ढूँढने में बहुत मज़ा आता था .....जैसे कंगारूओं, इम्यू और वूम्बट्स को खोजने में, गोआना (ऑस्ट्रेलियन पशु) का पीछा करने में और चिड़ियों के पीछे भागने में उसे अच्छा लगता था। उसे लगता था कि जंगल अद्भुत और आनंद दायक जगह है, और रोमांचक बातों से भरपूर है। उसने एक बड़े कंगारू का पीछा करना शुरू किया, जिसका नाम ताना था। ताना बहुत बड़ा और ताकतवर कंगारू था। जब ताना ने पलाना को देखा तो निश्चय किया कि वह पालना को एक सबक सिखाएगा। ताना पेड़ों के पीछे छिप गया जब पलाना बहुत पास आ गया तो वह पेड़ों के पीछे से कूदा और पलाना को पकड़ लिया। वह पलाना के ऊपर अपने पिछले बड़े पैरों से कूदने लगा और उसे अपनी पूंछ से मारने लगा। पलाना अपने आपको ताना कंगारू से बचा नहीं सका वह मदद के लिए चिल्लाने लगा।
"मेरी मदद करो! मेरी मदद करो! ताना ने मुझे पकड़ लिया है! कोई मेरी मदद करो!"
उसकी चीखें जंगल में गूंजने लगीं और उसे एक छोटे पिल्ले ने सुना। जो लेनोआ नाम के पोसम (एक ऑस्ट्रेलियन पशु) का पीछा कर रहा था जब पिल्ले ने चीख सुनी, तो वह रुक गया और ध्यान से सुनने लगा। अपनी सुनने की तेज शक्ति से उसे पता चल गया कि लड़का कहाँ था। वह उसे बचाने के लिए दौड़ने लगा। जब वह ताना और पलाना की दिशा में दौड़ा, उसे पलाना के चिल्लाने की आवाज़ ज्यादा तेज सुनाई दी
"मेरी मदद करो! मेरी मदद करो! कोई मेरी मदद करो!"
जब पिल्ला जंगल में पहुंचा, उसने देखा कि ताना कंगारू अपने पिछले पैरों और पंजों से पलाना को मार रहा है। पिल्ला लड़ाई में कूद पड़ा। वह ताना कंगारू के ऊपर कूदा, ताना कंगारू ने उसे ज़मीन पर गिरा दिया और उसे कुचल कर मारने की कोशिश की। पिल्ले ने हार नहीं मानी और उसकी पूंछ को पकड़ लिया, व उसकी पूंछ के चारों तरफ घूमते-घूमते उसकी गर्दन तक पहुँच गया। उसने ताना कंगारू के गर्दन को जोर से पकड लिया और अपनी पूरी ताकत से उस पर लटक गया। ताना ने लड़के को पकड़े-पकड़े ही पिल्ले से लड़ने की कोशिश की। मगर ताना कंगारू कमजोर पड़ने लगा और उसने सोचा कि पहले पिल्ले को पकड़ना होगा। लेकिन वह अपने आपको पिल्ले से न छुड़ा सका। उसे लगा कि उसकी सारी ताकत ख़त्म हो रही है और अंत में, ताना कंगारू ने हार मान ली और जंगल में भाग गया।
अब पलाना और पिल्ला दोनों ज़मीन पर गिर पड़े, और वहां लेटे-लेटे ही सो गए। बाद में, कुछ आदिवासियों ने पलाना को देखा और पहचान लिया कि वह महान देवता मोइनी का बेटा था। उन्होंने पलाना और पिल्ले को उठाया और उन्हें अपने डेरे में ले गए । जब वे सोकर उठे, उन्हें खाना व पानी दिया गया।
शाम को महान देवता मोइनी आकाश से नीचे आये और छोटे पलाना से कहा कि उन्हें उस पर गर्व है और इस बात पर गर्व है कि वे उसके जैसे बहादुर बच्चे के पिता हैं। कुछ समय बाद पलाना ताकत लगाकर उठा और नन्हे पिल्ले के पास गया,जो घायल और खून में लथपथ, वहीं पास में लेटा था। बहुत धीरे से, उसने पिल्ले को उठाया और गोद में ले लिया। उसने पिल्ले की थकी हुई पीली आँखों में देखा और कहा,
"सचमुच, तुम बहादुरों से भी ज्यादा बहादुर हो और तुम एक पिल्ले की तरह नहीं, बल्कि वरावना-कनीना की तरह लड़े, जो एक भयानक, साहसी भूत है ।"
पलाना नीचे झुका और उसने थोड़ा सा अपना खून लिया और अपनी आध्यात्मिक शक्ति के साथ उसे आग की राख में मिला दिया, और इस राख से, पिल्ले की पीठ पर और उसकी पूंछ पर भी कई धारियां बना दीं। उस दिन, तस्मानिया के बाघ का जन्म हुआ और आज भी वरावना-कनीना भूत को तस्मानिया के ऊपर आकाश में देखा जा सकता है।
ड्रीम टाइम और एबोरीजनल्स के बारे में जानने के लिए मेरा लेख 'ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी' पर क्लिक करें
(दाहिने हाथ पर)
Hindi Translation for an Animation Film By Rekha Rajvanshi
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