Friday, April 29, 2016

ग़ज़ल


कुछ किसी से कहें जनाब 
अच्छा है चुप रहें जनाब

दुनिया बेहद जालिम है
हंस के सब कुछ सहें जनाब

पत्थर से सख्त रहें
पानी बन के बहें जनाब

और कभी तो खोलें भी
अपने मन की तहें जनाब

कुछ तो मज़बूती रखिये
बालू से ढहें जनाब

खाली झोली क्यों देखें
जितना है, खुश रहें जनाब

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