Sunday, August 16, 2020

स्वतंत्रता दिवस पर मुक्तक - रेखा राजवंशी

1. 

सीमा पे एक सिपाही जो शहीद हो गया 

न जाने कितने खार सबके दिल में बो गया 

कि जैसे कायनात ही सारी ठहर गई 

कोई सितारा आसमाँ से आज खो गया 


2. 

इस तिरंगे पर सभी को नाज़ हो 

और तरक्की का नया अंदाज़ हो 

कामयाबी देश के चूमे कदम 

अब नए आयाम का आगाज़ हो 

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