Monday, September 21, 2020

Tuesday, September 1, 2020

बासंती धूप



खिली नई बासंती धूप 

मौसम ने बदला है रूप 

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जाड़े ने धीरे से बंद किए दरवाज़े ...
फूलों के नए रंग हर क्यारी में साजे
सबको भाया ये स्वरूप
खिली नई बासंती धूप 

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मन हुआ तरंगित जब, गूंजा बसंत राग
नव पल्लव, नव सौरभ, बिखरा गंधित पराग
रिक्त हुए अंधियारे कूप
खिली नई बासंती धूप 


-
पंछी चहके चहके, बगिया महके महके
फिर प्रेमी युगलों के, मन हैं बहके बहके
बिखराए सूरज ने लूप*
खिली नई बासंती धूप
- रेखा
लूप= coronal loops in the sun’s atmosphere

Sunday, August 16, 2020

स्वतंत्रता दिवस पर मुक्तक - रेखा राजवंशी

1. 

सीमा पे एक सिपाही जो शहीद हो गया 

न जाने कितने खार सबके दिल में बो गया 

कि जैसे कायनात ही सारी ठहर गई 

कोई सितारा आसमाँ से आज खो गया 


2. 

इस तिरंगे पर सभी को नाज़ हो 

और तरक्की का नया अंदाज़ हो 

कामयाबी देश के चूमे कदम 

अब नए आयाम का आगाज़ हो 

Friday, July 17, 2020

Saturday, June 6, 2020

नवगीत
पतझड़
रेखा राजवंशी


आज हवा ने फिर पतझड़ पर
लिक्खे गीत नए
पत्ते ताली बजा बजा कर
ढूंढें मीत नए

बौराए बादल ने भी रच डाला अपना राग
सूर्यदेव ने धीमी कर दी वहां गैस की आग
शाम आज कुछ जल्दी आई
रस्ते रीत गए
आज हवा ने फिर पतझड़ पर
लिक्खे गीत नए


चंदा ने अपने दरवाज़े बंद कर लिए कैसे
जला अंगीठी बैठे तारे हाथ सेंकते जैसे
रात बहुत सन्नाटा लाई
जुगनू जीत गए
आज हवा ने फिर पतझड़ पर
लिक्खे गीत नए


वार्डरोब से याद तुम्हारी चुपके चुपके आई
कैडबरीज सी मीठी जाने कितनी यादें लाई
सोचे मन कि बिना तुम्हारे
बरसों बीत गए
आज हवा ने फिर पतझड़ पर
लिक्खे गीत नए

Tuesday, April 7, 2020

Thursday, January 2, 2020

नवगीत-नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई

बाज़ारों में सजी दुकानें,
बार क्लबों में रौनक छाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
.



शॉपिंग मॉल सजे दुल्हन से
ख़ुशी छलकती तन से, मन से
लूट मची  है दुकानों में
भरें तिजोरी सारे, धन से
बार बी क्यू की खुशबू फैली
सबके मन को भाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई


कुछ पीकर के मस्त हो गए
बार गली में व्यस्त हो गए
नाइट क्लबों में डांस कर रहे
जोड़े थक कर ध्वस्त हो गए
सजी-धजी संध्या बाला ने
जैसी ली अंगड़ाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
.
कुछ ड्रग खा ग़म भूल रहे हैं
सपन लोक में झूल रहे हैं
कुछ ‘गे’ जोड़े ‘किस’ करने में
कोने में मशगूल रहे हैं
लिये हाथ में बियर की बोतल
खड़े हुए सौदाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
.
पिकिनक सारे लोग मनाते
फायर वर्क्स देखने आते
नए साल का स्वागत करने
हार्बर ब्रिज भरपूर सजाते
सिडनी वासी उमड़ पड़े ले
खाना और चटाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
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रेखा राजवंशी
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया