This blog has my Hindi poems, articles and stories, mainly based on my migrant experiences in Australia. इस ब्लॉग में मेरी साहित्यिक रचनाएं हैं, आशा है सुधी पाठक पढ़ कर विचार व्यक्त करेंगे।
Sunday, November 11, 2012
Saturday, November 10, 2012
Sunday, November 4, 2012
इक दीप जलाए बैठे हैं
कुछ दर्द दबाए बैठे हैं
..
सूखे फूलों की खुशबू में
कुछ ख़्वाब सजाए बैठे हैं
..
वो शायद वापिस आ जाएं
खुद को समझाए बैठे हैं
..
ये दिल है संगोखिश्त नहीं
क्यों गम ये लगाए बैठे हैं
..
इन बेगानों की बस्ती में
क्या बीन बजाए बैठे हैं
..
अंधियारा डस लेगा मन को
इक दीप जलाए बैठे हैं
....
रेखा राजवंशी
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