Monday, September 21, 2020

Tuesday, September 1, 2020

बासंती धूप



खिली नई बासंती धूप 

मौसम ने बदला है रूप 

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जाड़े ने धीरे से बंद किए दरवाज़े ...
फूलों के नए रंग हर क्यारी में साजे
सबको भाया ये स्वरूप
खिली नई बासंती धूप 

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मन हुआ तरंगित जब, गूंजा बसंत राग
नव पल्लव, नव सौरभ, बिखरा गंधित पराग
रिक्त हुए अंधियारे कूप
खिली नई बासंती धूप 


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पंछी चहके चहके, बगिया महके महके
फिर प्रेमी युगलों के, मन हैं बहके बहके
बिखराए सूरज ने लूप*
खिली नई बासंती धूप
- रेखा
लूप= coronal loops in the sun’s atmosphere