Thursday, January 2, 2020

नवगीत-नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई

बाज़ारों में सजी दुकानें,
बार क्लबों में रौनक छाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
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शॉपिंग मॉल सजे दुल्हन से
ख़ुशी छलकती तन से, मन से
लूट मची  है दुकानों में
भरें तिजोरी सारे, धन से
बार बी क्यू की खुशबू फैली
सबके मन को भाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई


कुछ पीकर के मस्त हो गए
बार गली में व्यस्त हो गए
नाइट क्लबों में डांस कर रहे
जोड़े थक कर ध्वस्त हो गए
सजी-धजी संध्या बाला ने
जैसी ली अंगड़ाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
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कुछ ड्रग खा ग़म भूल रहे हैं
सपन लोक में झूल रहे हैं
कुछ ‘गे’ जोड़े ‘किस’ करने में
कोने में मशगूल रहे हैं
लिये हाथ में बियर की बोतल
खड़े हुए सौदाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
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पिकिनक सारे लोग मनाते
फायर वर्क्स देखने आते
नए साल का स्वागत करने
हार्बर ब्रिज भरपूर सजाते
सिडनी वासी उमड़ पड़े ले
खाना और चटाई
नए साल ने जैसे ही कुंडी खड़काई
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रेखा राजवंशी
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया