Tuesday, January 15, 2019

गांधी

  
गांधी सिर्फ नाम नहीं
सिर्फ शख्सियत नहीं
सिर्फ विचार नहीं
गांधी आचरण है
दैनिक व्यवहार है
जीवन का आधार है



गांधी की मूर्ति
गाँधी के चित्र
गांधी के सिद्धांत
सिर्फ माल्यार्पण के लिए नहीं
सिर्फ राजनीति के लिए नहीं
सिर्फ सरकारी दफ्तरों में
लटकने के लिए नहीं

दो अक्टूबर को  हर साल
राजनेताओं का हो जाता है
राजघाट पर जमावड़ा
आउटडेटेड चरखा
स्टोर से निकलता है
और रघुपति राघव राजा राम
का संगीत बजता है
श्रद्धा सुमन अर्पण के साथ

आधी धोती में खड़े बापू
कन्फ्यूज्ड नज़रों से देखते हैं
संसद में सूटेड-बूटेड नेताओं को
प्रधानमंत्री को, मंत्रियों को
फाइव स्टार होटलनुमा घरों में
भारत का भाग्य रचते व्यापारियों को
मल्टी नेशनल कंपनियों को

और दूसरी तरफ 
आत्मदाह करते किसानों को
सीमा पर लड़ते जवानो को
डिस्को में थिरकते युवाओं को
अपमानित होती महिलाओं को

भ्रमित बापू, शंकित बापू
व्यथित बापू, लौट जाते हैं
और गांधी की मूर्ति, गांधी का चित्र
गांधी के सिद्धांत, लटके रहते हैं
सरकारी दफ्तरों में
राजनेताओं के घरों में
और राष्ट्रपति  भवन में !