Sunday, March 4, 2018

होली के दोहे - रेखा राजवंशी





















तन मन पर होने लगी, रंगों की बौछार
ठुमरी फिर गाने लगा, होली का त्यौहार
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पिचकारी में सज गए, लो टेसू के रंग
बच्चों ने भी कर दिया होली का हुड़दंग
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फागुन ने बिखरा दिए, इतने सारे रंग
देखो फिर  छनने लगी, ठंडाई और भंग 
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