Saturday, July 16, 2016

क़तरा क़तरा बातें


अश्कों की बरसातें लेकर लोग मिले
ग़म में भीगी रातें लेकर लोग मिले


पूरी एक कहानी कैसे बन पाती
क़तरा क़तरा बातें लेकर लोग मिले


भर पाते नासूर दिलों के कैसे जब
ज़हर बुझी सौगातें लेकर लोग मिले


अब गैरों से क्या शिकवा करने जाएं
अपनों को ही मातें देकर  लोग मिले


आशिक का  टूटा दिल कोई क्यों देखे
जब अपनी बारातें लेकर लोग मिले

-रेखा राजवंशी