
जहां पर राम और रहमान पढ़ने साथ जाते हैं ।
जहां मिट्टी बनी पावन नानक, बुद्ध, गांधी से,
उसी भारत की यादों को कलेजे से लगाते हैं ।
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लगा तुलसी का एक पौधा वतन को याद करते हैं,
सजा मंदिर, खुदा से हम यही फ़रियाद करते हैं ।
कि मेरे देश की करना हिफाज़त राम और मौला,
कि कुछ आतंकवादी देश को बर्बाद करते हैं ।
बना कर शून्य जिसने ज्ञान अंकों का दिया जग को
सिखाकर ध्यान और योग बनाया स्वस्थ तन मन को ।
सुना कर धर्म वेदों का, पढ़ा कर कर्म गीता का,
नमन भारत तुझे करना सिखाया प्रेम दुश्मन को ।

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रेखा राजवंशी